स्टार्ट-अप को प्रमोट करने के लिये बैंक और वित्तीय संस्थान भी करे सहयोग -- कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठ...
स्टार्ट-अप को प्रमोट करने के लिये बैंक और वित्तीय संस्थान भी करे सहयोग
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कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक।
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इंदौर में 13 मई को म.प्र. स्टार्ट-अप कान्क्लेव 2022 का आयोजन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर में किया गया है। उक्त में विभिन्न सेक्टोरल सत्रों का भी आयोजन किया गया है। जिसमें स्टार्ट अप के लिए बैंको/वित्तीय संस्थाओं द्वारा फंडिंग किये जाने के संबंध में भी एक सत्र रखा गया है। विषय सत्रों के संपन्न होने के पश्चात मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ऑनलाइन तथा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का उद्बोधन होगा।
स्टार्टअप प्रारंभ किए जाने के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है, वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने में बैंकों/वित्तीय संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्टार्ट-अप कान्क्लेव में बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। उनकी भूमिका एवं भागीदारी के संबंध में चर्चा करने के लिये कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में रेसीडेंसी कोठी में आज बैठक संपन्न हुई। जिसमें डॉ. निशान्त खरे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए।
बैंको/वित्तीय संस्थाओं की स्टार्ट-अप कान्क्लेव में भागीदारी/भूमिका के संबंध में आयोजित बैठक में 53 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि जो युवा उद्यमी स्टार्ट-अप प्रारंभ कर रहे हैं उनके लिए बैंक/वित्तीय संस्था में विशेष सेल का गठन किया जाए, जिससे की उन्हें उचित सहयोग, समन्वय एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। स्टार्ट-अप प्रारंभ करने वाले उद्यमियों में उत्साह एवं स्फूर्ति का संचार हो सके। बैंको एवं वित्तीय संस्थाओं की इस स्टार्ट-अप कान्क्लेव में भागीदारी औपचारिक न होकर सक्रिय सहभागिता होना चाहिए। शासकिय एवं निजी नौकरियों के अलावा रोजगार प्रदान करने में भी स्टार्ट-अप्स का महत्वपूर्ण योगदान है। इस दृष्टि से भी स्टार्ट-अप को प्रमोट किया जाना चाहिए।
डॉ. श्री निशांत खरे द्वारा अपने संबोधन में बताया कि, कुछ ऐसे स्टार्ट अप्स है जो स्टेज 2 में पहुंच गए है एवं उनकी फंडिंग एवं जमा का आंकड़ा सौ करोड़ से उपर हो गया है। ऐसी स्थिति में यदि इन्दौर में स्थित बैंक/वित्तीय संस्था स्टार्ट अप्स से बेहतर समन्वय करेंगें तो बैंको में डिपोजिट बढ़ेगा। इस प्रकार न केवल स्टार्ट-अप्स को फंडिंग का कार्य संपन्न होगा बल्कि उनके द्वारा किए गए बिजनेस तथा कमाये गए वित्तीय संसाधन बैंकों में जमा होंगें। इस तथ्य के मद्देनजर भी बैंकों/वित्तीय संस्थानों की भूमिका स्टार्ट अप्स को सहयोग प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।
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